आज और कल मनाई जायेगी जन्माष्टमी, पूजा के लिए सिर्फ इतने मिनट का मुहूर्त

By: Shilpa Wed, 06 Sept 2023 10:38:58

आज और कल मनाई जायेगी जन्माष्टमी, पूजा के लिए सिर्फ इतने मिनट का मुहूर्त

कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देश भर असमंजस फैला हुआ है। कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितम्बर को मनाई जाए या 7 सितम्बर। इसे लेकर ज्योतिषियों का अलग-अलग मत है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को आठवें मुहूर्त में रात्रि के शून्यकाल में रोहणी नक्षत्र में वृष लग्न के संयोग में हुआ था। यह तिथि 6 सितम्बर से प्रारम्भ होकर 07 सितम्बर को दोपहर के बाद समाप्त हो रही है।

आज देश में कई जगहों पर जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों का मत है कि कृष्ण जन्मोत्सव 6 की रात ही मनाना चाहिए, क्योंकि इसी रात में तिथि-नक्षत्र का वो ही संयोग बन रहा है, जैसा द्वापर युग में बना था। ग्रंथों के मुताबिक ये भगवान कृष्ण का 5250वां जन्म पर्व है।

अष्टमी तिथि 6 सितंबर यानी आज दोपहर करीब 3.30 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4 बजे तक रहेगी। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात में हुआ था, इसलिए ज्योतिषियों और ग्रंथों का कहना है 6 को जन्माष्टमी मनाएं।

6 सितंबर, खरीदारी के लिए शुभ दिन

6 सितंबर, खरीदारी के लिए शुभ दिन है। आज चंद्रमा अपनी उच्च राशि में और सूर्य-शनि अपनी ही राशियों में होंगे। साथ ही तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इसके साथ शश, दामिनी, सरल और उभयचरी नाम के राजयोग बन रहे हैं। साथ ही इस दिन लक्ष्मी योग बन रहा है। इस शुभ योग में निवेश, लेन-देन और प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री करना फायदेमंद रहेगा।

आज ग्रहों की स्थिति से समृद्धि देने वाला योग बन रहा है। जिससे हर तरह की खरीदारी के लिए दिन शुभ रहेगा। इस दिन जया तिथि होने से नई शुरुआत में सफलता मिलेगी। सूर्य बुध का बुधादित्य योग इस दिन को और शुभ बना रहा है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे ग्रहों के शुभ संयोग में खरीदारी के साथ किया गया व्रत और पूजा भी पुण्य फलदायी रहेगी। इस पर्व पर सूर्योदय के साथ व्रत शुरू होगा। जो कि अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा।

दिन में श्रीकृष्ण की पूजा और अभिषेक किया जाएगा। वहीं, आधी रात में श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। तब शंख में दूध और गंगाजल से अभिषेक किया जाएगा। भगवान का श्रंगार होगा और उन्हें झूले में झूलाया जाएगा। सितारों के शुभ संयोग में इस तरह मनाया गया पर्व महापुण्य फलदायी रहेगा।

रोहिणी नक्षत्र शुरू—06 सितम्बर 2023, सुबह 9.20

रोहिणी नक्षत्र समाप्त—7 सितम्बर 2023, सुबह 10.25

अष्टमी तिथि प्रारम्भ—अष्टमी तिथि 6 सितम्बर 2023 को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट पर आरम्भ हो रही है।

अष्टमी तिथि समाप्त—अष्टमी तिथि का समापन 7 सितम्बर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा।

स्मार्त या गृहस्थ सम्प्रदाय 6 को मनायेगा

06 सितम्बर की रात्रि को ही स्मार्त सम्प्रदाय के लोग जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। परम्परा से गृहस्थ जीवन के लोगों को इस दिन जन्माष्टमी मनाना शुभ रहेगा। स्मार्त सम्प्रदाय के लिए निशीथ पूजा का समय 6 सितम्बर 2023 की रात्रि 12.02एएम से 12.48 एएम, सितम्बर 07 तक। पारण का समय 07 सितम्बर को शाम 4.14 के बाद।

वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों की जन्माष्टमी


वैष्णव सम्प्रदाय को मानने वाले श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उदयातिथि यानी 7 सितम्बर को मनाएंगे। निशीथ पूजा का समय-7 सितम्बर की रात्रि (8 सितम्बर लग जाएगा) 12.02 एएम से 12.48 एएम तक। पारण का समय-सितम्बर 08 सुबह 6.11 बजे के बाद।

मथुरा और वृन्दावन में 7 सितम्बर को मनाई जाएगी जन्माष्टमी

मथुरा, वृन्दावन, द्वारिकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 07 सितम्बर को मनाई जाएगी। वहाँ के ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था और 7 सितम्बर को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी। 7 सितम्बर को अष्टमी तिथि में सूर्योदय भी होगा इसलिए जन्माष्टमी 7 सितम्बर को मनाई जाएगी।

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